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दिल्ली से कांगड़ा घाटी कैसे पहुँचें?



 दिल्ली से कांगड़ा घाटी तक जाने के दो मुख्य रास्ते हैं:

  • हवाई जहाज से: ये सबसे तेज़ तरीका है, जिसमें लगभग 1 घंटा लगता है. हालांकि, दिल्ली से कांगड़ा के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है. आपको गगल हवाई अड्डे (धर्मशाला) के लिए उड़ान भरनी होगी, जो कांगड़ा से लगभग 15 किमी दूर है, और फिर वहां से टैक्सी लेनी होगी.
  • बस से: यह सबसे सस्ता विकल्प है, जिसमें लगभग 10-11 घंटे लगते हैं. दिल्ली से कांगड़ा के लिए रोजाना कई बसें चलती हैं.

आप MakeMyTrip पर उड़ानों और बसों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

गाड़ी से कैसे पहुंचे

गूगल मैप्स के अनुसार दिल्ली से कांगड़ा घाटी तक कार से जाने में 10 घंटे 13 मिनट का समय लगेगा. दूरी 468 किमी है. रास्ता देखने के लिए यहां क्लिक करें.


कांगड़ा, हिमालय की तलहटी में बसा हुआ, हिमाचल प्रदेश, भारत में एक खूबसूरत घाटी वाला शहर है। यहाँ कांगड़ा में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन स्थान हैं:

  • कांगड़ा किला: यह ऐतिहासिक किला, एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो कांगड़ा घाटी के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। इसे कटोच राजवंश द्वारा बनवाया गया था और कई बार घेराबंदी का सामना करना पड़ा है। किले के अंदर, आपको अंबिका माता मंदिर और पुरातात्विक संग्रहालय मिलेगा।
  • ब्रेजेश्वरी देवी मंदिर: देवी दुर्गा को समर्पित, यह प्राचीन मंदिर हिमाचल प्रदेश में सबसे पवित्र हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। मंदिर की दीवारों और खंभों पर जटिल नक्काशी देखने लायक है।
  • बैजनाथ मंदिर: 13वीं सदी का यह मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है, जो अपनी उत्तम वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर में जटिल मूर्तियों से सुशोभित एक शिखर (टॉवर) शामिल है।
  • कांगड़ा कला संग्रहालय: कांगड़ा लघुचित्रों के संग्रह को समेटे हुए, यह संग्रहालय कला प्रेमियों के लिए खजाना है। ये पेंटिंग पौराणिक कहानियों और दैनिक जीवन के दृश्यों को दर्शाती हैं।
  • मासरूर रॉक कट मंदिर: "अशोक की घाटी" के नाम से जाना जाने वाला, ये प्राचीन मंदिर बलुआ पत्थर की चट्टानों में खुदे हुए हैं। मंदिरों पर जटिल नक्काशी और मूर्तियां बीते युग की शिल्प कौशल का प्रमाण हैं।
  • करेरी झील: हरे-भरे हरियाली से घिरी एक मीठे पानी की झील, यह प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने और आराम करने के लिए एक आदर्श स्थान है। आप पास की पहाड़ियों में ट्रैकिंग या कैंपिंग भी जा सकते हैं।
  • मैक्लोडगंज: "लिटिल ल्हासा" के रूप में भी जाना जाता है, Mcleodganj दलाई लामा और निर्वासित तिब्बती सरकार का घर है। यह हिल स्टेशन Dhauladhar रेंज के आश्चर्यजनक दृश्य और एक अद्वितीय तिब्बती संस्कृति प्रदान करता है। हालांकि तकनीकी रूप से कांगड़ा में नहीं है, यह क्षेत्र के आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है।
  • ट्रियुंड: कांगड़ा घाटी का लुभावना दृश्य वाला हिल स्टेशन, ट्रियुंड एक लोकप्रिय ट्रेकिंग गंतव्य है। ट्रेकिंग में मध्यम चुनौती है लेकिन बर्फ से ढके पहाड़ों के शानदार दृश्य पेश करता है।

कांगड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी यात्रा के दौरान क्या करना चाहते हैं। आइए देखें मौसम के अनुसार कांगड़ा घूमने का समय:

  • वसंत ( मार्च से जून): कांगड़ा घूमने के लिए यह सबसे लोकप्रिय समय है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहाना और धूप वाला रहता है। दिन में गर्मी तो होती है लेकिन ज्यादा नहीं, और शामें ठंडी होती हैं। यह घूमने-फिरने, ट्रेकिंग और बाहरी गतिविधियों के लिए बहुत अच्छा समय है।
  • मानसून (जुलाई से सितंबर): मानसून का मौसम कांगड़ा में भारी बारिश लाता है, जिससे घूमना-फिरना और बाहरी गतिविधियों का आनंद लेना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, इस दौरान घाटी हरी-भरी और खूबसूरत हो जाती है, और पर्यटकों की भीड़ भी कम होती है।
  • शरद (अक्टूबर से नवंबर): अक्टूबर में मानसून का मौसम कम होने लगता है और मौसम खुशनुमा हो जाता है। अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं और खूबसूरत शरद ऋतु के रंग का आनंद लेना चाहते हैं, तो कांगड़ा घूमने के लिए यह बेहतरीन समय है।
  • सर्दी (दिसंबर से फरवरी): कांगड़ा में सर्दी का मौसम काफी ठंडा हो सकता है, कुछ क्षेत्रों में तो हिमपात भी हो जाता है। हालांकि, अगर आप सर्दियों में हिमालय की खूबसूरती का अनुभव करना चाहते हैं तो घूमने के लिए यह अच्छा समय हो सकता है। इस दौरान कुछ स्थान बंद भी हो सकते हैं, इसलिए जाने से पहले जरूर जांच कर लें।

आपके बजट और पसंद के अनुसार कांगड़ा में रहने के लिए कुछ बेहतरीन स्थान ये हैं:

  • विलासी (लक्जरी):
    • द पाइन व्यू (मैक्लोडगंज): यह आलीशान होटल धौलाधार पर्वतमाला और कांगड़ा घाटी का मनोरम दृश्य प्रदान करता है। इसमें एक स्पा, एक इनडोर पूल और कई रेस्टोरेंट हैं।
    • होटल नॉरवुड (मैक्लोडगंज): यह हेरिटेज होटल औपनिवेशिक युग की इमारत में स्थित है और पुराने जमाने के आकर्षण और आधुनिक सुविधाओं का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है।
  • मध्यम-रेंज:
    • कंट्री रिज़ॉर्ट धर्मशाला: यह रिसॉर्ट चीड़ के पेड़ों से घिरे शांत वातावरण में स्थित है। यह आरामदेह आवास, एक स्पा और एक आउटडोर पूल प्रदान करता है।
    • द डिवाइन हिमा (मैक्लोडगंज): यह होटल मैक्लोडगंज में स्थित है और हिमालय का अद्भूत नज़ारा पेश करता है। इसमें एक स्पा, एक रेस्टोरेंट और एक रूफटॉप बार है।
  • बजट:
    • होटल एल.एच. व्यू (मैक्लोडगंज): यह बजट-अनुकूल होटल मैक्लोडगंज के मध्य स्थान पर स्थित है। यह साफ और आरामदायक कमरे, और हिमालय के दृश्यों वाला एक रूफटॉप रेस्टोरेंट प्रदान करता है।
    • बैकपैकर्स इंटरनेशनल धर्मशाला: यह हॉस्टल कम बजट वाले यात्रियों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है। यह डॉर्म बेड और निजी कमरे प्रदान करता है,













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