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दिल्ली से छितकुल कैसे पहुंचे?

 दिल्ली से चितकुल जाने के लिए आपके पास तीन विकल्प हैं:

  1. सड़क मार्ग: दिल्ली से चितकुल तक पहुंचने का सबसे आम तरीका सड़क मार्ग है। यह एक लंबी यात्रा है, जिसमें लगभग 14 से 16 घंटे लगते हैं। रास्ते में खूबसूरत दृश्य देखने को मिलते हैं। हालांकि, सड़कें खराब हो सकती हैं, खासकर जैसे ही आप उच्च हिमालयी क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं। सर्दियों में बर्फबारी के कारण सड़कें बंद हो सकती हैं, इसलिए यात्रा करने का सबसे अच्छा समय गर्मियों के महीने (मई से सितंबर) होते हैं।

    Image of Chitkul road trip

  2. बस द्वारा: आप दिल्ली से हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बस लेकर चितकुल जा सकते हैं। बसें नियमित रूप से चलती हैं, और यात्रा में लगभग 16-18 घंटे लगते हैं।

    Image of HRTC bus delhi to chitkulHRTC bus delhi to chitkul

  3. टैक्सी द्वारा: आप दिल्ली से चितकुल के लिए एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। यह सबसे तेज़ विकल्प है, लेकिन यह सबसे महंगा भी है। यात्रा में लगभग 12-14 घंटे लगते हैं।

चाहे आप सड़क, बस या टैक्सी से यात्रा कर रहे हों, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सड़कें खुली हैं


चितकुल में करने के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हैं:

  • प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें: चितकुल हिमालय की गोद में बसा एक खूबसूरत गांव है। चारों तरफ बर्फीले पहाड़, घाटियां और बसपा नदी का मनोरम दृश्य देखने लायक है। आप यहां ट्रेकिंग कर सकते हैं, पहाड़ों में घूम सकते हैं या बस नदी के किनारे बैठकर प्रकृति की शांति का आनंद ले सकते हैं।

  • माथी देवी मंदिर दर्शन करें: चितकुल में माथी देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। माना जाता है कि यह मंदिर गांव की रक्षा करता है। मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला और शांत वातावरण आपको आकर्षित कर लेंगे।

  • स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लें: हिमाचली राजमा चावल, सिद्दू, क Kullu Trout मछली और गरम गुड़ की चाय ज़रूर खाएं। ये व्यंजन न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ठंड के मौसम में आपको गर्माहट भी देते हैं।

  • स्थानीय बाजारों की सैर करें: चितकुल में छोटे-छोटे बाजार लगते हैं, जहां आप स्थानीय हस्तशिल्प, ऊनी कपड़े, और यादगार के तौर पर लेने के लिए चीजें खरीद सकते हैं।

  • ट्रेकिंग का मज़ा लें: अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तो आप लामखागा दर्रे की ट्रेकिंग कर सकते हैं। यह एक कठिन लेकिन रोमांचक ट्रेक है, जहां से आपको हिमालय का अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा।

  • फुलाच मेले में शामिल हों (यदि यात्रा का समय सही हो): अगस्त और सितंबर में लगने वाला फुलाच मेला एक रंगीन और जीवंत उत्सव है। इस मेले में आप स्थानीय संस्कृति, लोक नृत्य और पारंपरिक भोजन का आनंद ले सकते हैं।

  • आराम करें और रिचार्ज करें: चितकुल की शांत वातावरण और खूबसूरत पहाड़ आपको रोज़मर्रा की जिंदगी की भागदौड़ से दूर ले जाएंगे। यहां आप आराम कर सकते हैं, किताब पढ़ सकते हैं, या प्रकृति की गोद में अपने आप को समय दे सकते हैं।


चितकुल में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें हैं:

  • सांगला घाटी: चितकुल की हसीन वादियों में मौजूद किसी बेहतरीन और शानदार जगह की बात होती है, तो सबसे पहले सांगला घाटी का नाम जरूर शामिल होता है। यह जगह चंद मिनटों में पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां हरे-भरे घास के मैदान, देवदार के पेड़, झील-झरने और बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ चितकुल की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। यहां घूमने के बाद पर्यटक का मन अपने आप शांत हो जाता है।

    Image of Sangla Valley Chitkul

  • माथी देवी मंदिर: चितकुल में माथी देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। माना जाता है कि यह मंदिर गांव की रक्षा करता है। लकड़ी से बना यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है। मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला और शांत वातावरण आपको आकर्षित कर लेंगे।

  • बेरिंग नाग मंदिर: चितकुल से थोड़ी दूर बसपा नदी के किनारे स्थित बेरिंग नाग मंदिर स्थानीय लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह मंदिर हिमालय के रक्षक माने जाने वाले सर्प देवता को समर्पित है। मंदिर की शांत वातावरण आपको मन की शांति देगा।

    Image of Bering Nag Temple Chitkul

  • हिमालयी नेचर पार्क: प्रकृति प्रेमियों के लिए हिमालयी नेचर पार्क एक बेहतरीन जगह है। यहां आप विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और जंगली जीव देख सकते हैं। पार्क में ट्रेकिंग के लिए भी रास्ते बनाए गए हैं।


चितकुल में रहने के लिए कई बेहतरीन होटल हैं, जो हर तरह के बजट और यात्रियों के स्वाद को ध्यान में रखते हैं। यहां कुछ लोकप्रिय विकल्प हैं:

  • लैप स्टेज़ - वांडरर्स नेस्ट (LAP Stays - Wanderer's Nest): चितकुल में स्थित यह हॉस्टल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो बजट में रहना चाहते हैं। यहां आपको साफ-सुथरे कमरे, एक रेस्टोरेंट, बगीचा और बालकनी मिलती है, जहां से आप पहाड़ों का नज़ारा देख सकते हैं।

    Image of LAP Stays Wanderer's Nest Chitkul

  • समाआ रिजॉर्ट्स, चितकुल (Samaa Resorts, Chitkul): यह रिजॉर्ट उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो आरामदायक stay का आनंद लेना चाहते हैं। यहां पर आपको शानदार कमरे, एक रेस्टोरेंट, बगीचा, बच्चों के खेलने का मैदान और बहुत कुछ मिलता है। यह रिजॉर्ट बसपा नदी के किनारे स्थित है, जिससे यहां का दृश्य मनोरम है।

    Image of Samaa Resorts Chitkul

  • द हिमालयन ट्राइब हॉस्टल एंड कैफे (The Himalayan Tribe Hostel and Cafe): यह बैकपैकर्स के बीच लोकप्रिय है। यहां आपको कम दाम में रहने की सुविधा मिलती है। हॉस्टल में एक कैफे भी है, जहां आप स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

    Image of Himalayan Tribe Hostel and Cafe Chitkul

  • द हिमालयन ट्राइब कैंप्स, रिवरसाइड चितकुल (The Himalayan Tribe Camps, Riverside Chitkul): अगर आप प्रकृति के बीच रहना चाहते हैं, तो यह कैंप आपके लिए एकदम सही है। यहां पर आप तंबू में रह सकते हैं और नदी के किनारे का शानदार नजारा देख सकते हैं।



चितकुल घूमने का सबसे अच्छा समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का अनुभव लेना चाहते हैं:

सुहाना मौसम और खूबसूरत दृश्य: मई, जून, सितंबर और अक्टूबर चितकुल घूमने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। इन महीनों में मौसम खुशनुमा रहता है और तापमान 10°C से 25°C के बीच रहता है। आसमान साफ रहता है और चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है। हालांकि, यह पर्यटन का पीक सीजन भी होता है, इसलिए भीड़भाड़ रहने की उम्मीद करें।

  • कम भीड़ और सेब तोड़ने का अनुभव: अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो आप नवंबर की शुरुआत में चितकुल घूमने जा सकते हैं। यहां मौसम अभी भी हल्का सुहाना रहता है, तापमान 0°C से 15°C के बीच रहता है, और आपको सेब तोड़ने के मौसम का अनुभव करने का मौका मिलेगा।

  • बर्फबारी और शीतकालीन वंडरलैंड: चितकुल में दिसंबर से फरवरी तक बर्फबारी होती है। हालांकि, इस दौरान सड़कें अक्सर बंद रहती हैं, इसलिए आप गांव तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। अगर आप वहां पहुंचने का प्रबंध कर लेते हैं, तो आपको एक शीतकालीन वंडरलैंड का अनुभव प्राप्त होगा। बस वहां जाने से पहले ठंड के मौसम के लिए पूरी तरह तैयार रहें, क्योंकि तापमान काफी नीचे चला जाता है।

निर्णय लेने में आपकी मदद करने के लिए एक संक्षिप्त सारांश:

  • मई से जून: सुहाना मौसम, खूबसूरत दृश्य, पर्यटकों की भीड़
  • सितंबर से अक्टूबर: सुहाना मौसम, खूबसूरत दृश्य, कम भीड़
  • नवंबर की शुरुआत: हल्का मौसम, सेब तोड़ने का मौसम, कम भीड़
  • दिसंबर से फरवरी: बर्फबारी, शीतकालीन वंडरलैंड, सड़कें बंद होने की संभावना













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