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दिल्ली से मलाणा गांव कैसे पहुंचे?



 मलाना गांव दिल्ली से कैसे पहुंचें? यहां आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी:

  1. अपनी गाड़ी या मोटरसाइकिल से यात्रा:

    • दिल्ली और चंडीगढ़ से मलाना पहुंचने के लिए आपको अपनी गाड़ी या मोटरसाइकिल से यात्रा करनी होगी।
    • चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय मार्ग पर आपकी यात्रा का अधिकांश हिस्सा होगा।
    • भुंटर से मलाना गेट तक आपकी यात्रा होगी। वहां से आपको उपहार के रूप में अंतिम भाग को पैदल चलकर मलाना गांव पहुंचना होगा
  2. रेलवे से:

    • जोगिंदर नगर मलाना के पास के सबसे निकटतम रेलवे स्थल है।

यात्रा के तरीकों के अलावा, मलाना गांव में जाने के लिए आपको भुंटर से मलाना गेट तक पैदल चलकर जाना होगा। यहां तक पहुंचने के बाद, आप मलाना गांव की ओर अपनी यात्रा को जारी रख सकते हैं


मलाना गांव एक अनूठा स्थल है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यहां कुछ प्रमुख स्थल हैं:

  1. जम्बलू माता मंदिर: यह मंदिर मलाना गांव के पास स्थित है और यहां की स्थानीय जनता के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. धर्मशाला: मलाना में एक धर्मशाला है जो यात्रीगण के लिए आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करती है।
  3. ज़र्क फॉरेस्ट: मलाना गांव के आसपास का ज़र्क फॉरेस्ट खूबसूरत है और यहां की जंगली जीवनशैली का अनुभव करने के लिए आकर्षण है।
  4. आदिवासी संस्कृति: मलाना गांव आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां की स्थानीय जनता की जीवनशैली, भाषा, और रीति-रिवाज़ दर्शाने के लिए यहां आने वाले यात्रीगण के लिए रोचक हो सकता है।


  1. प्राचीन गांव: मलाना एक प्राचीन भारतीय गांव है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह पार्वती घाटी के एक छोटे से उपनदी मलाना नाला में स्थित है, कुल्लू घाटी के उत्तर-पूर्व में। गांव को बाकी दुनिया से अलग किया गया है, चंद्रखानी और देव तिब्बा की चोटियों का अपने ऊपर छाया पड़ता है।

  2. उच्च ऊंचाई: मलाना एक दूरस्थ पठार पर मलाना नदी के साथ खड़ा है और यह समुंदर स्तर से 2,652 मीटर (8,701 फीट) की ऊंचाई पर है।

  3. अनूठी भाषा: मलाना के निवासियों की भाषा “कानाशी” (या रक्ष) है, जिसमें संस्कृत और कई तिब्बती बोलियों के तत्व हो सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि कानाशी किसी भी तिब्बती-बर्मी भाषा से जोड़ी नहीं जाती, और मलाना के चारों ओर आसपास की भाषाएँ आर्य भाषा बोलने वाले लोगों द्वारा बोली जाती हैं।

  4. मलाना क्रीम: मलाना “मलाना क्रीम” के लिए प्रसिद्ध है, जो पार्वती घाटी में बढ़ने वाले gaanza के पौधों से बनाया जाता है। यह हैश बहुत मूल्यवान है और इसमें अधिक तेल होता है, जिससे यह दुनियाभर में मांगा जाता है ।

  5. सबसे पुराना लोकतंत्र: ग्रामीण मलाणा को विश्व स्तर पर सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक मानते हैं। उनका मानना ​​है कि उनमें शुद्ध आर्य जीन हैं और वे सिकंदर महान के सैनिकों के वंशज हैं। उनकी सुव्यवस्थित संसदीय प्रणाली उनके देवता जमलू ऋषि1 द्वारा निर्देशित होती है।
  6. मालानी महिलाओं की भूमिका: मालाणा में महिलाएं खाना पकाने, खेत का काम, कटाई और बिक्री सहित सभी काम करती हैं। दूसरी ओर, पुरुष मुख्य रूप से सोने और हैश1 का धूम्रपान करके आराम करते हैं।
  7. अछूत: आगंतुकों को सलाह दी जाती है कि वे बिना अनुमति के गाँव में किसी भी चीज़ या किसी को न छूएँ। दुकानदार ग्राहकों से बिना शारीरिक संपर्क के पैसे और सामान काउंटर पर रखने के लिए कहते हैं। यदि कोई संपर्क होता है, तो स्थानीय लोग स्नान के लिए दौड़ पड़ते हैं


मलाणा की यात्रा के लिए अप्रैल, मई, जून और सितंबर सबसे अच्छा समय है। अगर आप ट्रैकिंग करना चाहते हैं तो मई, जून और अक्टूबर आपके लिए सबसे अच्छे महीने होंगे। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए अप्रैल और सितंबर सबसे अच्छे महीने हैं। यदि आप बर्फ देखना चाहते हैं, तो फरवरी और मार्च की शुरुआत जाने का सबसे अच्छा समय होगा।














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